Hindi, asked by uttammali67, 11 months ago

कवी गुलजार जी की कविताए​

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Answered by shirgaonkar363
1

Answer:

Explanation:

बोलिये सुरीली बोलियां,

खट्टी मीठी आँखों की रसीली बोलियां.

रात में घोले चाँद की मिश्री,

दिन के ग़म नमकीन लगते हैं.

नमकीन आँखों की नशीली बोलियां,

गूंज रहे हैं डूबते साए.

शाम की खुशबू हाथ ना आए,

गूंजती आँखों की नशीली बोलियां.

कवी गुलजार

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