Hindi, asked by manisharay409, 2 months ago

कवि को ऐसा क्यों लग रहा था कि निशा का सवेरा फिर से नहीं होगा?

Answers

Answered by daxyadav99
0

Answer:

photo to lagao

Explanation:

tabhi to bataoonga

Answered by PritamKitty05
2

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आँधी ने पूरे आसमान को इस तरह से ढँक दिया था कि दिन में भी रात जैसा अँधेरा हो गया था | रात तो इतनी ज्यादा अँधकारमय थी कि ऐसा लगता था जैसे अब कभी सुबह नहीं होगी | यहाँ अँधेरा संकटों तथा दुखों का प्रतीक है और सवेरा उन संकटों तथा दुखों के समाप्त होने की आशा है | कवि कह रहे हैं कि यह दुख इतना बड़ा है कि लगता है वो कभी समाप्त ही नहीं होगा |

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Hope it helps :)

@PritamKitty05

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