कवि के अनुसार एक दिन कौन धोखा देगा तथा कब ? उससे बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए ।
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Explanation:
धोखे में संचार या चूक के विभिन्न प्रकार शामिल हैं, जिनसे पूरे सच को बिगाड़ा जाता है या उसे छिपाने की कोशिश की जाती है। धोखा अपने आप में मौखिक/या अनकहे संदेश को जानबूझकर इस तरह से प्रबंधित किये जाने का तरीका है जिसके बारे में प्रेषक जानता है कि संदेश पाने वाला उसे सच मान लेगा जो कि झूठ है। धोखे के सन्दर्भ में इरादा संकटमय होता है। इरादे से अनजाने में की गयी गलती और धोखे में अंतर किया जा सकता है। पारस्परिक धोखा सिद्धांत आपसी संबंध के बीच धोखे का पता लगाती है। संचार विषय के जरिए भ्रामक आदान-प्रदान के दौरान प्रेषक एवं अभिग्राही के ज्ञान और व्यवहार का पता लगाया जा सकता है।
धोखे के पांच प्राथमिक प्रकार हैं:
झूठ: ऐसी सूचनाएं बनाना या ऐसी जानकारी देना जो सच के विपरीत हो या उससे एकदम अलग हो.
संदिग्ध जानकारी देना : जानबूझकर अनिश्चित, संदिग्ध और अन्तर्विरोधी बयान देना.
छिपाना : दिये गये संदर्भ में आवश्यक जानकारियों को छिपाना या ऐसा व्यवहार करना जिससे प्रासंगिक सूचना को छिपाया जा सके.
अतिशयोक्ति : सच को किसी स्तर तक अतिशयोक्ति बनाना या खींचना.
कम बयानी : सच के पहलुओं को कम करके बताना या आंकना.