कवि के अनुसार जग को निरा सपना क्यों नहीं समझना चाहिए?
अमरत्व-विधान से कवि का क्या तात्पर्य है?
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1.कवि के अनुसार जग को निरा सपना क्यों नहीं समझना चाहिए?
उत्तर: कवि के अनुसार जग को निरा सपना इसलिए नहीं समझना चाहिए क्योंकि मनुष्य का जीवन केवल सपनों पर निर्भर नहीं करता। मनुष्य का जीवन कर्म पर निर्भर है। कवि कहते हैं कि जीवन में आए सुनहरे मौके को हाथ से नहीं चले जाने देना चाहिए। अपने काबिलियत एवं हुनर से खुद का लक्ष्य तथा रास्ता तय करना चाहिए। जो व्यक्ति अपना कार्य खुद करता है उसके पास परमात्मा हमेशा रहता है।
2.अमरत्व-विधान से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: अमरतत्व-विधान से कवि का तात्पर्य यह है कि मनुष्य अपने कर्म और अपने अंदर छिपे गुणों को समझ ले तो वह व्यक्ति अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है। लक्ष्य को पाने के लिए हमारे पास सभी तत्व मौजूद हैं। सिर्फ हमें उठकर उस मौके को पकड़ना है। निराश न होकर अपना कर्म करते रहना है। अर्थात व्यक्ति अपने महत्व को पहचान कर अमरत्व प्राप्त कर सकता है।