Hindi, asked by Anonymous, 3 months ago

कवि के अनुसार मानव समाज का सच्चा भाग्य क्या है​

Answers

Answered by aravvarshney80pcbme9
9

Answer:

कवि के अनुसार नर समाज का भाग्य मानव का श्रम है, उसका बाहुबल है। कवि कहते हैं कि जो व्यक्‍ति परिश्रमी होते हैं वे अपने परिश्रम के बल पर असंभव कार्य को भी संभव कर दुनिया को अपने अनुसार बना लेते हैं । कवि की दृष्टि में मानव – समाज का भाग्य एक समान ही होना चाहिए जिससे कि कर्म करने वालों को उनके श्रम का उचित फल मिले।

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