Hindi, asked by khushipaunikar33, 7 months ago

कवि को अपनी इंद्रियों पर हँसी क्यों आती है?​

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Answered by shubhamkmr
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Explanation:

कवि को अपनी इंद्रियों पर हँसी आती है। यह इसलिए कि जब तक वह इंद्रियों के वश में था, तब तक उन्होंने उसे मनमाना नाच नचाकर उसकी बड़ी हँसी उड़ाई, परंतु अब स्वतंत्र होने पर यानी मन-इंद्रियों को जीत लेने पर उनसे वह अपनी हँसी नहीं करा रहा है। अब तो उन पर ही वह हँस रहा है।

Answered by Anonymous
6

Answer:

कवि को अपनी इंद्रियों पर हँसी आती है। यह इसलिए कि जब तक वह इंद्रियों के वश में था, तब तक उन्होंने उसे मनमाना नाच नचाकर उसकी बड़ी हँसी उड़ाई, परंतु अब स्वतंत्र होने पर यानी मन-इंद्रियों को जीत लेने पर उनसे वह अपनी हँसी नहीं करा रहा है। अब तो उन पर ही वह हँस रहा है।

Explanation:

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