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कवि, कुछ ऐसी तान सुनाओ -
जिससे उथल-पुथल मच जाए,
एक हिलोरे इधर से आए,
एक हिलोर उधर से आए।
सावधान! मेरी वीणा में
चिंगारियाँ आन बैठी है,
टूटी हैं मिज़राबें, अंगुलियाँ
दोनों मेरी ऐंठी हैं।
(क) कवि और कविता का नाम लिखिए।
(ख) कवि कैसी तान सुनना चाहते हैं ?
(ग) वह कौन-सा गीत है जो चारों ओर हलचल मचा सकता है ?
घ) वीणा में चिंगारियाँ क्यों आकर बैठ जाती हैं ?
(ड) कवि की अंगुलियाँ क्यों ऐंठ जाती है ?
Answers
कवि, कुछ ऐसी तान सुनाओ -
जिससे उथल-पुथल मच जाए,
एक हिलोरे इधर से आए,
एक हिलोर उधर से आए।
सावधान! मेरी वीणा में
चिंगारियाँ आन बैठी है,
टूटी हैं मिज़राबें, अंगुलियाँ
दोनों मेरी ऐंठी हैं।
(क) कवि और कविता का नाम लिखिए।
उत्तर : कविता का नाम विप्लव गायन है और कवि का नाम बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ है |
(ख) कवि कैसी तान सुनना चाहते हैं ?
उत्तर : कवि ऐसी तान सुनाना चाह रहा है जिससे चारों ओर उथल-पुथल मच जाए यानी क्रांति का आगमन हो जाए। प्राचीन परंपराओं को समाप्त करने की , परिवर्तन एवं नवनिर्माण करना , पुरानी बातों में बदलाव हो जाए |
(ग) वह कौन-सा गीत है जो चारों ओर हलचल मचा सकता है ?
उत्तर : विप्लव गान द्वारा ही चारों ओर हलचल मचा सकता है | लोगों को समाज के नवनिर्माण के लिए प्रेरित किया जा सकता है |
घ) वीणा में चिंगारियाँ क्यों आकर बैठ जाती हैं ?
उत्तर : कवि की वीणा में क्रांति की चिंगारियाँ आकर बैठ जाती हैं | कवि नवयुवकों के जीवन में क्रांति लाना चाहते है , ताकी वह देश में बदलाव ला सके |
(ड) कवि की अंगुलियाँ क्यों ऐंठ जाती है ?
उत्तर : वीणा में क्रांति के स्वर निकालने के क्रम में कवि की अँगुलियाँ ऐंठ जाती हैं।