कवि के पिता के कार्य में किसकी गति थी?
(क) मन की
(ग) झंझा की
(ख) रॉकेट की
घ) शेर की
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प्रश्न :- कवि के पिता के कार्य में किसकी गति थी ?
(क) मन की
(ग) झंझा की
(ख) रॉकेट की
घ) शेर की
उतर :- (ग) झंझा की l
व्याख्या :- दिया गया कथन , भवानी प्रसाद मिश्र की कविता घर की याद से लिया गया है l सावन के बादलों को देखकर कवि को घर की याद आती है । वह घर के सभी सदस्यों को याद करता है l
अपने पिता जी को याद करते हुए कवि लिखता है :-
- वे अभी भी चुस्त हैं ।
- बुढ़ापा उन्हें एक क्षण के लिए भी आगोश में नहीं ले पाया है ।
- वे आज भी दौड़ सकते हैं तथा खूब खिल-खिलाकर हँसते हैं ।
- वे इतने साहसी हैं कि मौत के सामने भी हिचकते नहीं हैं तथा शेर के आगे डरते नहीं है ।
- उनकी वाणी में ओज है ।
- उसमें बादल के समान गर्जना है ।
- जब वे काम करते हैं तो उनसे तूफ़ान भी शरमा जाता है अर्थात् वे तेज गति से काम करते हैं ।
इसलिए हम कह सकते है कि, कवि के पिता के कार्य में झंझा (तूफान) की गति थी l
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कृपया शीघ्र पत्र देने की कृपा करें वाक्य को शुद्ध कीजिए
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सही उत्तर है...
➲ (ग) झंझा की
✎... कवि के पिता के कार्य में झंझा की गति थी।
भवानी प्रसाद मिश्र अपनी कविता ‘घर की याद’ में कहते हैं, कि उनके पिता पर बुढ़ापे का जरा भी असर नहीं है। वह बुढ़ापे में भी तेज गति से दौड़ सकते हैं। खूब खिलखिला कर हंसते हैं वे इतने चाहते हैं कि उन्हें मौत के सामने जरा भी डर नहीं लगता। वे शेर के आगे आने से भी बिल्कुल नहीं डरते। उनकी वाणी में ओज है। उनके स्वर में बादलों के समान गर्जना है। जब वे काम करते हैं तो उनकी गति के आगे तूफान भी शर्मा जाता है। वे बेहद तेज गति से काम करते हैं। उनके कार्य में झंझ लरजता है, यानी उनके कार्य में तूफान की गति है।
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