Hindi, asked by sharonsinghaniya505, 4 months ago

कवि के पिता किसे सोने पर सुहागे के सामान समझता है​

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Answered by NehaRaj6499
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Answer:

रैदास ने सोने तथा सुहागा की बात भगवान और स्वयं के लिए कही है। ... जैसे सोना सुहागे के संपर्क में आकर निखर जाता है वैसे ही भक्त (रैदास जी) ईश्वर को याद करते हुए शुद्ध हो जाते है।

Answered by Itzmagicalworld08
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Answer:

रैदास ने सोने तथा सुहागा की बात भगवान और स्वयं के लिए कही है। ... जैसे सोना सुहागे के संपर्क में आकर निखर जाता है वैसे ही भक्त (रैदास जी) ईश्वर को याद करते हुए शुद्ध हो जाते है|

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