कवि के रोम-रोम में प्रभु भक्ति की सुगंध किस प्रकार समाई हुई है
Raidas class 9th
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इस पंक्ति के द्वारा कवि यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जिस प्रकार चंदन को घिसने से पानी के कण-कण में चंदन की सुगंध समा जाती है। ठीक उसीप्रकार ईश्वर की निकटता से भक्त के रोम-रोम में प्रभुकी सुगंध समा जाती हैं और वह प्रभुमय हो जाता है।
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