कवि कैसे मांगलय की आराधना करते है?
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आराधना' प्रार्थना प्रसिद्ध मराठी कवि 'वसंत बापट' द्वारा लिखी गई मूल मराठी प्रार्थना का हिंदी अनुवाद है।
इस प्रार्थना द्वारा कवि मानवता का संदेश दे रहे हैं। कवि कहते है कि मनुष्य का शरीर और मन मंदिर के समान है। यहाँ सदैव सत्यता, सुंदरता तथा मांगल्य की आराधना होनी चाहिए।
इन्सान को दुखी लोगों के दुःख को समझकर उनकी सहायता करनी चाहिए। दुर्बलों की रक्षा करनी चाहिए।
जीवन में नई रोशनी लाने की मन में इच्छा होनी चाहिए। मन में सदा सुंदरता की आशा होनी चाहिए।
मानव कल्याण के लिए जीने की प्रबल इच्छा होनी चाहिए। सभी को शौर्य और धैर्य प्राप्त हो।
सब के मन से सारा राग तथा द्वेष मिट जाए। मानव एकता और विश्व बंधुत्व की जो हम सदा से कल्पना कर रहे है वह पूरी हो जाए।
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