कवि किस स्वर से सबको सवरना चाहती है और क्यों यह जय भक्ति कविता में है
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लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती!”
अगर कोई हम से इन पंक्तियों के रचियेता का नाम पूछे, तो हम कहेंगे, हरिवंश राय बच्चन। बहुत जगह यह कविता बच्चन जी के नाम से के साथ ही साझा की जाती है और कई मौकों पर अमिताभ बच्चन ने भी इसे पढ़ा है। ऐसे में, जाहिर है कि शायद ही कोई जानता हो कि यह कविता, हरिवंश राय बच्चन ने नहीं, बल्कि हिंदी साहित्य के एक और महान कवि, सोहन लाल द्विवेदी ने लिखी है।
अमिताभ बच्चन ने भी अपनी एक फेसबुक पोस्ट में इस बार की पुष्टि की है।
22 फरवरी 1906 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में बिंदकी तहसील के सिजौली नामक गाँव में जन्में सोहनलाल द्विवेदी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी भी थे। आज़ादी के संघर्ष के दौरान उनकी ऊर्जा और चेतना से भरपूर रचनाओं के लिए उन्हें ‘राष्ट्रकवि’ की उपाधि दी गयी।
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