कवि की दृष्टि में समय के रथ का घर्घर-नाद क्या है ? स्पखषट करें ।
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कवि की दृष्टि में समय के रथ का घर्घर-नाद का मतलब है जो तानाशाही लोग है , उनका समय पूरा हो चुका है।
Explanation:
- प्रस्तुत कविता में कवि रामधारी सिंह दिनकर कहतें हैं की दो तरह के शासन होते हैं , एक तानाशाही और दूसरा लोकतान्त्रिक।
- कवि का कहना है की तानाशाही शासन का समय समाप्त हो चुका है।
- समय अपने रथ में सवार होकर तानाशाही शासन का अंत करने आ रहा है।
- कवि का कहना है की जिस प्रकार तेज़ी से आता हुआ रथ शोर करता है , उसी प्रकार समय भी तेज़ी से आ रहा है की लोकतान्त्रिक शासन की नीवं रखी जाए।
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