Hindi, asked by kushwahaashish0342, 2 days ago

कवि को यह संसार अपूर्ण क्यों लगता है? ​

Answers

Answered by vishvjeet4670
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Answer:

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कवि को संसार इसलिए अपूर्ण लगता है, क्योंकि यह समस्त संसार स्वार्थी है। यहाँ हर कोई अपनी स्वार्थ पूर्ति में डूबा हुआ है। संसार केवल उन्हीं को पूछता है तो उसकी जय-जयकार करते हैं।

Answered by crkavya123
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Answer:

आत्मपरिचय कविता श्री हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा लिखी है।

Explanation:

आत्मपरिचय मुझे इस दुनिया से कोई लेना-देना नहीं है, श्री हरिवंश राय बच्चन जी इस कविता में घोषणा करते हैं। मुझे ऐसा लगता है जैसे ये सांसारिक सामान एक वजन हैं। जो इस विरासत को कायम रखने में कुशल हैं, उनसे ही दुनिया पूछी जाएगी। भले ही मेरे करीबी

हां, मुझे उनकी परवाह है, लेकिन मैं उनकी जगह अभिनय नहीं कर सकता। इस वजह से, दुनिया का अस्तित्व होना चाहिए और मुझे अपना जीवन जीने की अनुमति दी जानी चाहिए।

इससे हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि कवि अपने परिवार का बहुत ध्यान रखते हुए भी अपनी कल्पनाओं की दुनिया में रहना चाहता है और भौतिक वस्तुओं या दान में बहुत कम रुचि रखता है।

अर्थात कवी को यह संसार अपूर्ण लगता हैं।

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