।, कवि ने अपने आने को 'उल्लास' और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना'
क्यों कहा है।
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कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि वह जहां भी जाते हैं मस्ती का आलम लेकर जाते है।उनके पहुंचने पर लोग खुश हो जाते हैं जब वह उस जगह को छोड़ कर आगे बढ़ जाते हैं तो वहां के लोगों को दुख होता है। इसलिए उनके जाने पर आंखों से आंसू बह जाते हैं।
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कवि ने अपने आने को उल्लास इसलिए कहता है क्योंकि जहाँ भी वह जाता है मस्ती भरा माहौल लेकर जाता है।
Explanation:
कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि वह जहां भी जाते हैं मस्ती भरा माहौल लेकर जाते है।उनके आने पर लोग खुश हो जाते हैं जब वह उस जगह को छोड़ कर आगे बढ़ जाते हैं तो वहां के लोगों का मन दुखी होता है। इसलिए उनके जाने पर आंखों से आंसू निकल जाते हैं।
- कवि ने अपने आने को उल्लास इसलिए कहता है क्योंकि जहाँ भी वह जाता है मस्ती का आलम लेकर जाता है। वहाँ लोगों के मन प्रफुल्लित हो जाते हैं। पर जब वह उस स्थान को छोड़ कर आगे जाता है तब उसे तथा वहाँ के लोगों को दुःख होता है।
- कविता में हमें सबसे अच्छी लगी दीवानों की 'मस्ती'। सुख-दुख सब सहते हुए भी वै मस्त हैं उन्हें किसी की चिंता नहीं। मस्ती में जीकर जान हथेली पर रखकर देश को आजाद करवाना चाहते हैं।
- अभी उसे काफ़ी नवीन कार्य करने है। वह युवा पीढ़ी को आलस्य की दशा से उबारना चाहते हैं।
- ये पंक्तियाँ हमें पेड़ों की विशेषता बताती है इसलिए हमें ये बहुत अच्छी लगी हैं। ये पंक्तियाँ हमें संदेश देती हैं कि हमें पेड़ों के समान अपना व्यव्हार बनाना चाहिए। ऐसा करके हम लोगों द्वारा प्रेम और आदर पाएँगे।
अर्थात कवि ने अपने आने को उल्लास इसलिए कहता है क्योंकि जहाँ भी वह जाता है मस्ती भरा माहौल लेकर जाता है।
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