कवि ने अपने आने को 'उल्लास' और जाने को 'आंसू बनकर बह जाना' क्यों कहा है?
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कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ इसलिए कहा है क्योंकि उसके आने से लोगों के मन और चित्त दोनों खुश हो जाते हैं। लोगों के दिलों में प्रसंता की कलियां खिल उठती है । दूसरी तरफ उसके जाने से लोगों के मन में दुख उत्पन्न होता है । लोग उसकी कमी को अनुभव करते हैं। इसलिए कवि ने स्वयं को आंसू बनकर बह जाना कहा है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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कवि ने अपने आने को उल्लास और जाने को आँसू बनकर बह जाना इसलिए कहा है क्योंकि उनका मानना है कि जब स्वतंत्रता सेनानी अपने आंदोलनों के बीच जब कभी अपने परिवारवालों से मिलने आते हैं तो खशी छा जाती है लेकिन जब जाने की बात आती है तब वही खुशी आसुओं मैं बदल जाती है | अर्थात वीरों को अपना दुख सहन कर जुन हुए मार्ग पर बढना होती है |
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