Hindi, asked by dhirajgite781, 7 months ago

. कवि ने अपने आने को 'उल्लास' और जाने को 'आँसू
औसू बनकर बह जाना​

Answers

Answered by golchhariddhi23
13

Answer:

कवि का मानना है कि जब वे अपने बंधु-बांधवों से मिलने आते हैं तो सबके चेहरों पर खुशी छा जाती है और जब सहसा जाने की बात आती है तो वही खुशी अश्रुओं का रूप धारण कर लेती है अर्थात् उनके जाने का दुख सहन नहीं होता।

Answered by Anonymous
8

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कवि का मानना है कि जब वे अपने बंधु-बांधवों से मिलने आते हैं तो सबके चेहरों पर खुशी छा जाती है और जब सहसा जाने की बात आती है तो वही खुशी अश्रुओं का रूप धारण कर लेती है अर्थात् उनके जाने का दुख सहन नहीं होता।

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