कवि ने भाग्य वाद के विरोध में क्या कहा है ।
Answers
Answered by
9
Answer:
उद्यमी नर कविता में कवि ने भाग्यवाद की निंदा करते हुए कर्म को प्रमुख माना है। इसीलिए कवि ने कहा है कि जो मनुष्य उद्यमी है ,उसे आगे बढ़ने दो। वह लोगों का नेटवटर करता है।
Answered by
0
Answer:
thanks for free points..
follow me ...
thanks my answer
Similar questions