Hindi, asked by bushrakhan68, 4 months ago

कवि ने भाग्य वाद के विरोध में क्या कहा है ।​

Answers

Answered by bhartirathore299
2

Answer:

उद्यमी नर कविता में कवि ने भाग्यवाद की निंदा करते हुए कर्म को प्रमुख माना है। इसीलिए कवि ने कहा है कि जो मनुष्य उद्यमी है ,उसे आगे बढ़ने दो। वह लोगों का नेटवटर करता है।

Similar questions