कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और इसके कारण भी बताओ।
दिन कारण
पूर्णिमा .....................................................................................
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच ...........................................................
प्रथमा से अष्टमी के बीच ..................................................................
Class 6 NCERT Hindi Chapter चाँद से थोड़ी-सी गप्पें
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उत्तर :
दिन - पूर्णिमा
कारण - चांद पूरी तरह गोल मटोल दिखाई देता है। रात के अंधेरे- काले तारों भरे आकाश में वह मुंह खोलकर गोरा-चिट्टा रूप दिखाता है। इस दिन चांद पूरा गोल दिखता है।
दिन - अष्टमी से पूर्णिमा के बीच
कारण - चांद गोल तो दिखाई देता है पर थोड़ा कटा हुआ तिरछा सा प्रतीत होता है। धीरे धीरे पूरा गोल हो जाता है।
दिन - प्रथमा से अष्टमी के बीच
कारण - चांद का दुबला-पतला रूप बढ़ता ही जाता है। उसका आकार गोल पर थोड़ा तिरछा दिखाई देता है।
इसलिए कवि ने चांद से यह गप्पे अष्टमी से पूर्णिमा के बीच ही लगाई होंगे क्योंकि इन्हीं दिनों में चांद थोड़ा तिरछा होता है और धीरे-धीरे पूरी गोलाई आ जाती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
दिन - पूर्णिमा
कारण - चांद पूरी तरह गोल मटोल दिखाई देता है। रात के अंधेरे- काले तारों भरे आकाश में वह मुंह खोलकर गोरा-चिट्टा रूप दिखाता है। इस दिन चांद पूरा गोल दिखता है।
दिन - अष्टमी से पूर्णिमा के बीच
कारण - चांद गोल तो दिखाई देता है पर थोड़ा कटा हुआ तिरछा सा प्रतीत होता है। धीरे धीरे पूरा गोल हो जाता है।
दिन - प्रथमा से अष्टमी के बीच
कारण - चांद का दुबला-पतला रूप बढ़ता ही जाता है। उसका आकार गोल पर थोड़ा तिरछा दिखाई देता है।
इसलिए कवि ने चांद से यह गप्पे अष्टमी से पूर्णिमा के बीच ही लगाई होंगे क्योंकि इन्हीं दिनों में चांद थोड़ा तिरछा होता है और धीरे-धीरे पूरी गोलाई आ जाती है।
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