कवि ने किसे एक समान स्वीकार किया ? दीवानों की हस्ती कविता के आधार पर बताइए ?
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दीवानों की हस्ती पाठ सार
प्रस्तुत कविता में कवि का मस्त-मौला और बेफिक्री का स्वभाव दिखाया गया है । मस्त-मौला स्वभाव का व्यक्ति जहां जाता है खुशियाँ फैलाता है। ... कवि 'बहते पानी-रमते जोगी' वाली कहावत के अनुसार एक जगह नहीं टिकते। वह कुछ यादें संसार को देकर और कुछ यादें लेकर अपने नये-नये सफर पर चलते रहते हैं।
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Sukh Aur Dukh
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Kyu Ki Sukh Aur Dukh ye dono Puri jindagi bhar aate aur jate rehte hai aur kavi ne kaha hai ki jab khusiya aati hai to jyada khus nhi hona chahiye aur jyada dukhi nhi hona chahiye dukh me
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