Hindi, asked by chunnisingh8521, 2 months ago

कवि ने किस पृथ्वी को ठुकराने की बात कही है क्लास ट्वेल्थ हिंदी​

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Answered by skranjan50
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Explanation:

कवि अपनी कल्पना के अनुसार संसार का निर्माण करता है, फिर उसे मिटा देता है। यह संसार इस धरती पर सुख के साधन एकत्रित करता है, परंतु कवि हर कदम पर धरती को ठुकराया करता है। अर्थात वह जिस संसार में रह रहा है, उसी के प्रतिकूल आचार-विचार रखता है।

Answered by krishna210398
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Answer:

कवि अपनी कल्पना के अनुसार संसार का निर्माण करता है, फिर उसे मिटा देता है। यह संसार इस धरती पर सुख के साधन एकत्रित करता है, परंतु कवि हर कदम पर धरती को ठुकराया करता है।

Explanation:

कवि ने पाँव पृथ्वी पर टिकाए रखने की बात इसलिए की है क्योंकि यदि आँखों पर स्वर्ग का रास्ता लिए हो तो ये दिखावा है , जिससे हमें कुछ नहीं मिलेगा । अतः हम पाँव पृथ्वी पर टिकाए रखे ताकि काँटा भी चुभे तो हमें अहसास हो की हम स्वर्ग में नहीं है।

संसार की विषमताओं के बीच कवि कैसे जी रहे हैं?

संसार की विषमताओं के बीच भी कवि कैसे जी रहा है? उत्तर: संसार की विषमताओं के बीच कवि मस्ती भरा जीवन जी रहा है और सुख-दुःख दोनों में प्रसन्न रह रहा है। प्रश्न 4. आशय स्पष्ट कीजिए: ''मैं भव मौजों पर मस्त बहा करता हूँ।'

मैं बना-बना कितने जग रोज मिटाता'-से कवि का क्या तात्पर्य है? उत्तर: कवि होने के कारण वह अपनी कल्पना में अनेक लोकों की रचना करता है। अपने रचे हुए जगत् को जब वह अपने आदर्शों के अनुकूल नहीं पाता तो उनको मिटा देता है।

कवि ने किस पृथ्वी को ठुकराने की बात कही है क्लास ट्वेल्थ हिंदी​

https://brainly.in/question/41661093

कवि ने पांव पृथ्वी पर टिकाए रखने की बात क्यों की है?​

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