कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात क्यों कही है?
Answers
कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात निम्न कारणों से कही है
Explanation:
हम देवताओं की पूजा किस लिए करते हैं ? इसलिए न कि वे हम पर प्रसन्न हो जाएँ। हमारी मनोकामना पूरी कर दें। हमारी सहायता के लिए दौड़े चले आएं। यहाँ पूजने से कवि का आशय उसे साधने, उस पर विजय पाने से है। कवि पाठक से कहना चाहता है कि तुम आगा पीछा भूलकर अपना पूरा ध्यान वर्तमान पर लगाओ। सामने जो विषम स्थिति उत्पन्न हो गयी है इसके निदान पर एकाग्र हो जाओ। इससे उबरने के प्रयास शुरु कर दो। ऐसा तभी हो सकता है जब तुम इसकी पूजा करोगे यानी इसे हल करने में जुटोगे। कवि ने जीवन की कठिन तथा कठोर वास्तविकता को स्वीकार करने की बात इसी लिए कही है।
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कवि ने यथार्थ के पूजन की बात इसलिए कही है क्योंकि यथार्थ ही जीवन की सच्चाई है। बीते समय की सुखद यादों में खोए रहने से वर्तमान का यथार्थ अच्छा नहीं बन जाता। वर्तमान में हमारे सामने जो भी परिस्थितियाँ हैं, उन्हें न स्वीकारना, उनसे पलायन करना कायरता के लक्षण हैं। हमें कठिन यथार्थ का साहस से सामना करना चाहिए तथा उन पर विजय पाते हुए आगे बढ़ना चाहिए। इससे भविष्य को सुंदर और सुखमय बनाने का हौंसला मिलता है।