Hindi, asked by shubhankerchouhan4, 28 days ago

कवि ने प्रेम की प्रिय भूमि किसे कहा है​

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Answered by bhatiamona
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कवि ने प्रेम की प्रिय भूमि सरसों के हरे-भरे खेतों को कहा है।

व्याख्या :

‘चाँद गहना से लौटती बेर’ कविता में कवि केदारनाथ अग्रवाल गाँव से लौट रहे हैं, और एक खेत की मेड़ पर बैठकर वह गाँव के सौंदर्य को निहारने लगते हैं, तब वह इन पंक्तियों के माध्यम से कहते हैं...

देखता हूँ मैं, स्वयंवर हो रहा है

प्रकृति का अनुराग अंचल हिल रहा है

इस विजन में,

दूर व्यापारिक नगर से

प्रेम की प्रिय भूमि उपजाऊ अधिक है।

इसका अर्थ है कि कवि हरे भरे खेतों को देखकर कहते हैं कि सरसो को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे वह बड़ी हो गई है, सयानी हो गई है और उसके हाथ पीले करवाकर उसे विवाह मंडप में बैठा दिया गया है। ऐसा दिखाई दे रहा है कि होली के गीत गाता हुआ फागुन का महीना उस विवाह में शामिल हो रहा है। इस स्वंयवर में प्रकृति अपने प्रेम रूपी आंचल को फैला रही है।

हालांकि यह निर्जन भूमि है. लेकिन लोगों की भीड़ भाड़ वाले नगरों से यह भूमि ज्यादा प्रेम से भरी हुई है।

Answered by Aʙʜɪɪ69
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Explanation:

कवि ने प्रेम की प्रिय भूमि सरसों के हरे - भरे खेत को कहा है

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