कवि ने प्रातः कालीन वातावरण की समानता नीले शंख से क्यों की है ?
Answers
Answer:
भोर के समय सूर्योदय से पहले धुंधलके में आकाश गहरा नीला या काला-सा प्रतीत होता है। इस रंग में भोर के हल्के उजास का भी मिश्रण रहता है। अत: इसमें एक बहुत हल्की-सी दमक भी होती है इसलिए कवि ने प्रातः कालीन वातावरण की समानता नीले शंख से की है।
Answer:
कवि ने नीले शंख की समानता सुबह के कालीन वातावरण से उसके रंग के कारण की है। नीले शंख का रंग बहुत ही सुंदर होता है और सुबह के कालीन वातावरण में भी नीला रंग प्रधान होता है। इसलिए, कवि ने नीले शंख की तुलना करके सुबह के कालीन वातावरण के रंग को वर्णन किया हो सकता है।
Explanation:
कवि ने नीले शंख की समानता सुबह के कालीन वातावरण से उसके रंग के कारण की हो सकती है। सुबह के कालीन वातावरण में नीला रंग प्रधान होता है, जिससे दिन की शुरुआत का एक सुंदर नजारा प्राप्त होता है। इसी तरह, नीले शंख का रंग भी बहुत सुंदर होता है और उसका रंग अक्सर समुद्र और आकाश से जुड़ी चीजों के साथ जोड़ा जाता है।
इसलिए, कवि ने नीले शंख की तुलना करके सुबह के कालीन वातावरण के रंग को वर्णन किया हो सकता है। इससे कवि का मकसद दिन की शुरुआत का एक शांतिपूर्ण और सुंदर नजारा देना हो सकता है।
भोर के समय सूर्योदय से पहले धुंधलके में आकाश गहरा नीला या काला-सा प्रतीत होता है। इस रंग में भोर के हल्के उजास का भी मिश्रण रहता है। अत: इसमें एक बहुत हल्की-सी दमक भी होती है इसलिए कवि ने प्रातः कालीन वातावरण की समानता नीले शंख से की है।
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