कवि निराला ने बादलों से गरजने के लिए क्यों कहा है
Answers
प्रश्न:-
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कवि निराला ने बादलों से गरजने के लिए क्यों कहा है?
उत्तर:-
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कवि बादल में क्रांति का स्वर सुनता है। वह उसके गड़गड़ाते स्वर पर मोहित होकर कहता है -ओ बादल !तुम खूब गरजो। तुम अपनी गर्जन तर्जन से इस आकाश को घेर लो। कवि बादल को गरजने के लिए इसलिए कहता है क्योकि वह वातावरण में जोश, पौरुष और क्रांति चाहता है। निराला को बादल की गर्जन बहुत प्रिय है।
उत्साह कविता का सार
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उत्साह छायावादी कविता है। इसमें बदलो के माध्यम से मानव के उत्साह का वर्णन हुआ है। कवि चाहता है की बादल अपने उत्साह से सारे गगन को घेर ले। वह काले घुंगराले बालों से सज्जित होकर मन में विद्युत -छवि को धारण कर ले। वह कवि के समान पौरुष की भावना से भरे उठे और संसार को नये जोश से भर दे। वह ताप और पीड़ा से व्यथित संसार पर शीतल जल की वर्षा कर दे। वह गरज -गरज कर अपना उत्साह प्रकट करें।इस कविता के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हैं।