कवि निराला द्वारा रचित 'वीणा-वादिनी' नामक कविता उनके किस काव्य-संग्रह से उद्धृत
है?
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कवि निराला द्वारा रचित 'वीणा-वादिनी' नामक कविता उनके किस काव्य-संग्रह से उद्धृत है?
कवि निराला द्वारा रचित वीणावादिनी नामक कविता उनकी एक प्रतिनिधि रचना है, जो किसी काव्य ग्रंथ में से नहीं ली गई है। यह उन्होंने स्वतंत्र रूप से रचित की थी।
व्याख्या :
निराला स्वयं को सरस्वती का उपासक मानते थे और बसंत पंचमी के दिन ही उनका जन्म हुआ था। कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हिंदी साहित्य के एक प्रमुख स्तंभ रहे हैं। वह छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने अनेक सुंदर काव्य कृतियों की रचना की। जूही की कली निराला जी की पहली कविता थी, जो उनके काव्य संग्रह परिमल में प्रकाशित हुई थी।
वीणा वादिनी नामक कविता मां सरस्वती की उपासना पर आधारित है, जिसमें कवि निराला माँ सरस्वती की उपासना करते हुए उनके प्रति श्रद्धा प्रकट कर रहे हैं।
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Answer:
कवि निराला द्वारा रचित 'वीणा-वादिनी' नामक कविता उनकी एक प्रतिनिधि रचना है, जो किसी काव्य पाठ से नहीं ली गई है। उन्होंने स्वतंत्र रूप से इसकी रचना की। 'वीणा-वादिनी' नाम की कविता मां सरस्वती की उपासना पर आधारित है, जिसमें कवि निराला मां सरस्वती की आराधना करते हुए उनकी पूजा कर रहे हैं।
Explanation:
निराला खुद को सरस्वती का उपासक मानते थे और उनका जन्म बसंत पंचमी के दिन हुआ था। कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हिन्दी साहित्य के प्रमुख स्तंभ रहे हैं। उन्हें छायावादी युग के चार मुख्य स्तंभों में से एक माना जाता है। उन्होंने कई सुंदर काव्य रचनाओं की रचना की। जूही की कली निराला की पहली कविता थी, जो उनके काव्य संग्रह परिमल में प्रकाशित हुई थी|
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