Hindi, asked by tejramsahu765, 7 months ago

कवि ने देशवासियों को योगी के स्थान पर विजयी बनने का संदेश क्यों दिया

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Answered by shishir303
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वैराग्य छोड़ बाँहों की विभा सँभालो,  

चट्टानों की छाती से दूध निकालो।  

है रुकी जहाँ भी धार, शिलाएँ तोड़ो,  

पीयूष चंद्रमाओं को पकड़ निचोड़ो।

‘रामधारी सिंह दिनकर’ रचित कविता ‘परशुराम के उपदेश‘ की इन पंक्तियों में कवि देशवासियों को योगी के स्थान पर विजयी बनने को इसलिये कहता है, क्योंकि कवि ने यह कविता चीन द्वारा भारत पर हुए आक्रमण के समय रचित की थी। कवि ने इस कविता के माध्यम से देशवासियों को चीन के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया है। कवि का कहना है कि योग और वैराग्य का मार्ग अहिंसा की ओर ले जाता है। ऐसी स्थिति में हम शत्रु से अपना बचाव नहीं कर सकते। इस समय जब शत्रु ने हम पर आक्रमण कर दिया है, तो हमें अहिंसा को छोड़कर हिंसा को अपनाना पड़ेगा तथा अपनी शक्ति के अनुसार तलवार और बंदूक को उठाकर शत्रु से मुकाबला करना होगा और अपने देश की रक्षा करनी होगी। अपने देश की रक्षा के लिए हिंसा के मार्ग को अपनाने में कोई बुराई नहीं है। इसीलिए कवि ने देशवासियों को यह संदेश देते हुए कहा है योगी नहीं बल्कि वीर बनो और विजयी के समान जीना सीखो।

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Answered by amarkrgupta87
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Answer:

कवि देशवासियों को योगी के स्थान पर विजय बनने का संदेश इसलिए दे रहा है कि कवि का कहना है कि योग्य और वैराग्य का मार्ग अहिंसा की ओर ले जाता है ऐसी स्थिति में हम शत्रु से अपना बचाव नहीं कर सकते इस समय जब शत्रु ने हम पर आक्रमण कर दिया तो हमें अपने शत्रु से मुकाबला करना होगा और अपने देश की रक्षा करनी होगी इसलिए कवि ने यह संदेश दिया

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