कवि ने यौवन की तुलना निर्झर की किस गति से की है?( जीवन का झरना)
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ek halki jharne wali jharana
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निर्झर में गति है, वह यौवन की तरह आगे बढ़ता रहता है। धुन एक ही है, चलने के लिए, अपने ही मजे में गाती है। कवि आरसी प्रसाद सिंह इन पंक्तियों में निर्झर की आवाज के साथ मजेदार जीवन की विशिष्टता का उद्घाटन करते हैं। कवि कहता है कि निर्झर अपनी जलता में गत्यात्मकता से परिपूर्ण है।
Explanation:
निर्झर का पानी यह संदेश देता है कि चलना ही जीवन है और रुकना मृत्यु है। 'जीवन का झरना' कविता प्रसिद्ध छायावादी कवि श्री आर सी प्रसाद द्वारा रचित है। इस कविता के माध्यम से कवि ने मानव जीवन में सदैव अमर रहने का संदेश दिया है।
जीवन में कर्म की प्रगति इसे जीवन शक्ति का अर्थ और आकर्षण देती है। अन्यथा, जीवित अवस्था में होते हुए भी मृत्यु का स्थायित्व या ठहराव बना रहेगा। ठहराव निर्झर (झरना) और जीवन दोनों के लिए समान रूप से अंत या मृत्यु का प्रतीक है क्योंकि दोनों का धर्म समान है।
कविता के आधार पर निर्झर की तीन विशेषताएँ इस प्रकार हैं- पहली विशेषता है सदा शीतल रहना, दूसरी विशेषता है सदा यौवन के जोश से सक्रिय रहना।
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