Hindi, asked by sandhya1702, 10 months ago

कवि स्वयं को धागा क्यों मानता है? ​

Answers

Answered by bhatiamona
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कवि स्वयं को धागा क्यों मानता है? ​

कवि स्वयं को धागा इसलिए मानते क्योंकि वह कहते है यदि भगवान मोती हैं तो मैं एक  धागा हूँ जिसमें मोतियाँ पिरोई जाती हैं। हे भगवान आप मोती हो और मैं उस जल में पिरोया जाने वाली धागा हूँ | ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार सोने और सुहागा के मिलने पर होता है | मैं सदैव आपने निकट ही रहना चाहता हूँ|  

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Answered by chauhantannu760
2

Answer:

क्योंकि कवि सदैव ईश्वर के निकट रहना चाहता है|

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