कविता एक खिलौना है फूलों के बहाने कविता का खिलौना भला फूल क्या जाने बाहर भीतर इस घर उस घर बिना मुरझा मांगने की माने फुल किया जाने आशय स्पष्ट कीजिए
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व्याख्या: कवि कहता है कि कविता की रचना फूलों के बहाने हो सकती है। कवि का मन कविता की रचना के समय फूल की भांति प्रफल्लित होता है। कवि बताता है कि कविता इस प्रकार खिलती अर्थात् विकसित होती है जैसे फूल विकसित होते हैं। ... कविता बिना मुरझाए महकती रहती है।
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