कविता एक उड़ान है चिड़िया के बहाने कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने
बाहर भीतर
इस घर, उस घर
कविता के पंख लगा उड़ने के माने
चिड़िया क्या जाने ?
(क) कविता की उड़ान चिड़िया क्या जाने? के माध्यम से
कवि क्या कहना चाहता है ?
(ख) कविता के पंख लगाकर कौन इधर-उधर उड़ता है ?
(ग) कविता की तुलना चिड़िया से क्यों की गई है?
(घ) कविता पंख लगा कर कहां कहां उड़ सकती है?
(च) इस काव्यांश के कवि तथा कविता का नाम लिखिए।
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उत्तर- 'कविता के बहाने' में कविता का असीमित अस्तित्व प्रकट करने के लिए कवि ने चिड़िया की उड़ान का उदाहरण दिया है। वह कहता है कि चिड़िया की उड़ान सीमित होती है किंतु कविता की कल्पना का दायरा असीमित होता है। चिड़िया घर के अंदर-बाहर या एक घर से दूसरे घर तक उड़ती है परंतु कविता की उड़ान व्यापक होती है।
कविता के पंख लगाकर कौन उड़ता है? (क) इस पंक्ति का अर्थ यह है कि चिड़िया को उड़ते देखकर कवि की कल्पना भी ऊँची-ऊँची उड़ान भरने लगती है। वह रचना करते समय कल्पना की उड़ान भरता है। (ख) कविता पंख लगाकर मानव के आंतरिक व बाहय रूप में उड़ान भरती है।
कवि और कविता का नाम लिखिए। कवि: फिराक गोरखपुरी। कविता: रुबाइयाँ। गोदी के चाँद और गगन के चाँद का रिश्ता
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