कविता के आधार पर भारत माता की विशेषताओं का वर्णन कीजिए ?
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उत्तर:कवि पन्त कहते है कि भारत माता गाँवों में निवास करती है, अर्थात् सच्चे अर्थों में भारत गाँवों का देश है तथा गाँवों में ही भारत माता के दर्शन हो पाते हैं। यहाँ पर खेतों में हरियाली फैली रहती है और उनमें अनाज लहराता रहता है, परन्तु इसका हरा आंचल मैला-सा अर्थात् गन्दगी से व्याप्त रहता है, अर्थात् यहाँ गाँवों में गन्दगी रहती हैं।कवि सुमित्रानंदन पंत जी कहते हैं कि भारतमाता कि धरती बहुत ही उपजाऊ है। प्राकृतिक संपदा से समृद्ध है, लेकिन भारतवासी निर्धन है। उनका मन कुंठित है। कवि भारत माता को दुख की प्रतिमा के रूप में प्रस्तुत करने के बाद भारत वासियों से आशा करता है कि अहिंसा, सत्य और तप, संयम के मार्ग पर चलकर वे अवश्य सफल होंगे।इसे सुनें
कवि ने परतंत्र भारत की दयनीय स्थिति को बताते हुए कहा है कि परतंत्र भारत वासियों को भूखे पेट, नंगे बदन सोना पड़ता था। उस समय की 30 करोड़ की जनता अंग्रेज द्वारा शोषित पीड़ित थी, असभ्य, अशिक्षित एवं निर्धन थी। कवि ने भारत माता को मानवीय रूप देते हुए भारत माता के स्वरूप में ग्राम में जनजीवन की झलक प्रस्तुत की है।
निष्कर्ष:
इस कविता में कवि ने भारत माता के माध्यम से भारत के ग्रामीण जीवन का सजीव वर्णन किया है। भारत के अधिकांश जन गाँवों में बसते हैं। वे निर्धन तथा अभावग्रस्त और अशिक्षित हैं। भारतीयों की इसी दुर्दशा का वर्णन कवि ने भारत माता कविता में किया है।
कवि ने परतंत्र भारत की दयनीय स्थिति को बताते हुए कहा है कि परतंत्र भारत वासियों को भूखे पेट, नंगे बदन सोना पड़ता था। उस समय की 30 करोड़ की जनता अंग्रेज द्वारा शोषित पीड़ित थी, असभ्य, अशिक्षित एवं निर्धन थी। कवि ने भारत माता को मानवीय रूप देते हुए भारत माता के स्वरूप में ग्राम में जनजीवन की झलक प्रस्तुत की है।
निष्कर्ष:
इस कविता में कवि ने भारत माता के माध्यम से भारत के ग्रामीण जीवन का सजीव वर्णन किया है। भारत के अधिकांश जन गाँवों में बसते हैं। वे निर्धन तथा अभावग्रस्त और अशिक्षित हैं। भारतीयों की इसी दुर्दशा का वर्णन कवि ने भारत माता कविता में किया है।
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