कविता का हिंदी में भावार्थ लिखिए
जब नाश मनुज पर छाता है,
पहले विवेक मर जाता है।
हरि ने भीषण हुंकार किया,
अपना स्वरूप-विस्तार किया,
डगमग-डगमग दिग्गज डोले,
भगवान् कुपित होकर बोले-
Answers
Answered by
0
Answer:
मुझे ना सताए तो उनसे भी एक में मर जाता है हरि ने भीषण हुंकार किया अपना सुरक्षित r11 मोदी जी
Similar questions