Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

कविता का हर बंध’ वह चिड़िया जो’ से शुरू होता है और’ मुझे…. बहुत प्यार है’ पर खत्म होता है। तुम भी दी गईं इन पंक्तियों का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से कविता में कुछ नए बंध जोड़ो।
केशव और श्यामा चिड़िया के अंडों को लेकर बहुत उत्सुक थे। क्या तुम्हें भी किसी नई चीज़, जगह या बात पर कौतूहल महसूस हुआ है? ऐसे किसी अनुभव का वर्णन करो और बताओ कि ऐसे में तुम्हारे मन में क्या-क्या सवाल उठे?
Class 6 NCERT Hindi Chapter ‘वह चिड़िया जो’

Answers

Answered by nikitasingh79
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‘वह चिड़िया जो’ कविता श्री केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने छोटी सी चिड़िया की खाने-पीने की चीजों और उसकी रुचियों के बारे में बताया है। कवि कहता है कि वह छोटी चिड़िया दूध से भरे हुए ज्वार और बाजरे के दानों को बड़ी रुचि और आनंद से खाती है। वह नीले पंखों वाली है तथा उसे अनाज से बहुत प्यार है। वह चिड़िया जंगल में मधुर स्वर में गाती है। उसे जंगल से भी बहुत प्यार है। वह अपनी मधुर आवाज से सबको अपना बना लेती है। कवि कहता है कि वह चिड़िया तेज बहती नदी में से जल की एक बूंद चोंच में भरकर उड़ जाती है। ऐसा लगता है जैसे वह नदी का दिल टटोलकर उसमें से एक मोती उठाकर ले गई हो ।वह छोटी सी चिड़िया अपने आप पर गर्व करने वाली है। उसे नदी से भी बहुत प्यार है।

उत्तर :-
१.
वह चिड़िया जो-
खुले आकाश में
चारों ओर घूम घूम कर
मन की उदारता का संदेश दे जाती है
वह छोटी गंभीर चिड़िया
नीले पीले पंखों वाली मैं हूं
मुझे आकाश से बहुत प्यार है।

२.
वह चिड़िया जो-पंख फैलाए
दूर देशों में उड़ती जाती
कभी न थकती कभी ना हारती
वह हिम्मत वाली चिड़िया मैं हूं
मुझे आजादी से बहुत प्यार है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
Answered by shreytomar08
2

Answer:

१.

वह चिड़िया जो

खुले आकाश में चारों ओर घूम घूम कर मन की उदारता का संदेश दे जाती है वह छोटी गंभीर चिड़िया नीले पीले पंखों वाली मैं हूं मुझे आकाश से बहुत प्यार है।

२.

वह चिड़िया जो-पंख फैलाए दूर देशों में उड़ती जाती कभी न थकती कभी ना हारती वह हिम्मत वाली चिड़िया मैं हूं मुझे आजादी से बहुत प्यार है।

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