कविता की इन पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए। Expl
लोग यों ही हैं झिझकते-सोचते,
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर।
किंतु घर को छोड़ना अकसर उन्हें,
बूंद लौं कुछ और ही देता है कर।।
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