Hindi, asked by mokalsneha5, 10 months ago

(४) कविता की पंक्तियाँ पूर्ण करो:
सेवा में तेरी
- ।।
बलिदान मैं जाऊँ।​

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Answered by Anonymous
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Answer:

1. है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए

है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए

जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए

रोज़ जो चेहरे बदलते है लिबासों की तरह

अब जनाज़ा ज़ोर से उनका निकलना चाहिए

अब भी कुछ लोगो ने बेची है न अपनी आत्मा

ये पतन का सिलसिला कुछ और चलना चाहिए

फूल बन कर जो जिया वो यहाँ मसला गया

जीस्त को फ़ौलाद के साँचे में ढलना चाहिए

छिनता हो जब तुम्हारा हक़ कोई उस वक़्त तो

आँख से आँसू नहीं शोला निकलना चाहिए

दिल जवां, सपने जवाँ, मौसम जवाँ, शब् भी जवाँ

तुझको मुझसे इस समय सूने में मिलना चाहिए

2. हम तेरी चाह में, ऐ यार ! वहाँ तक पहुँचे

हम तेरी चाह में, ऐ यार ! वहाँ तक पहुँचे ।

होश ये भी न जहाँ है कि कहाँ तक पहुँचे ।

इतना मालूम है, ख़ामोश है सारी महफ़िल,

पर न मालूम, ये ख़ामोशी कहाँ तक पहुँचे ।

वो न ज्ञानी ,न वो ध्यानी, न बिरहमन, न वो शेख,

वो कोई और थे जो तेरे मकाँ तक पहुँचे ।

एक इस आस पे अब तक है मेरी बन्द जुबाँ,

कल को शायद मेरी आवाज़ वहाँ तक पहुँचे ।

चाँद को छूके चले आए हैं विज्ञान के पंख,

देखना ये है कि इन्सान कहाँ तक पहुँचे ।

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