Hindi, asked by anandaprian22, 4 days ago

कविता का सारांश कवि पाँचजन्य से कहते हैं कि हे पाँचजन्य! तुम फिर deal से गान करो। यह भारत अब मुर्दों का देश बन गया है। एक जमाने में भारत वीरों का देश था अब भारत वीरता भूल गया है। भारतवासियों की शक्ति नष्ट हो गयी है। अब इस देश में केवल कायरता बाकी रह गयी है। इसलिए हे पाँचजन्य ! तुम अतीत से पुनः एक बार गाओ। तुम गाकर सब के अन्दर प्राण फूँक दो। भारतवासी फिर से वीर और निडर हो जाएँ। कवि पाँचजन्य से कहते हैं कि लोगों का जीवन जर्जर और भारस्वरूप हो गया है। तुम गाओ और भारतवासियों के तन और मन में यौवन को भर दो। पौधों की डालियों से पुराने पत्र झड जाते हैं और वहीं नये पत्ते निकल आते हैं। बहार भी आती है। इसी तरह दकियानूसी ख्यालों के लोगों को चुप कराना है और उदार चिंतनवाले नये कवियों को गाने देना है। उन कवियों की कविताएँ चारों ओर सुनायी पडेंगी। हे पाँचजन्य ! यदि तुम अतीत से गाओगे तो यह सब हो जाएगा। इसलिए तुम पुनः एक बार गाओ। can anyone please shorten the para in hindi​

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Answered by hradom7483
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Answer:

। यह भारत अब मुर्दों का देश बन गया है। एक जमाने में भारत वीरों का देश था अब भारत वीरता भूल गया है। भारतवासियों की शक्ति नष्ट हो गयी है। अब इस देश में केवल कायरता बाकी रह गयी है। इसलिए हे पाँचजन्य !। तुम गाओ और भारतवासियों के तन और मन में यौवन को भर दो। पौधों की डालियों से पुराने पत्र झड जाते हैं और वहीं नये पत्ते निकल आते हैं। बहार भी आती है। हे पाँचजन्य ! ।

Explanation:

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