कविता के तृतीय चरण का भावार्थ सरल हिंदी में likhiye. 9th standard poem Nisarg vaibhav
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i dont no question to nehi ha
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कविता के तृतीय चरण का भावार्थ : प्रस्तुत पंक्ति के द्वारा कवि यह कहना चाहते हैं कि इस संसार में इतना सौंदर्य भरा पड़ा है। उसके बावजूद भी मानव हमेशा चिंता में ही डूबा रहता है। क्या कारण है कि वह सदा संघर्ष से ही घिरा रहता है।
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