कविता केदारनाथ अग्रवाल दवारा रचित है
चिड़िया एक स्वतंत्र पक्षी लेकिन उस कोरोना काल में
आप सभी अपने अपने घरों में कैद है तो अपने आप को एक पक्षी
मानते
हुए
अपने विचार लिखिए
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कविता केदारनाथ अग्रवाल दवारा रचित है , चिड़िया एक स्वतंत्र पक्षी लेकिन उस कोरोना काल में आप सभी अपने अपने घरों में कैद है तो अपने आप को एक पक्षी मानते हुए अपने विचार लिखिए :
कविता केदारनाथ अग्रवाल दवारा रचित है , चिड़िया एक स्वतंत्र पक्षी है | आज के समय में सभी मनुष्य अपने घर में कैद है | आज पक्षी ही स्वतंत्र रूप से घूम रहे है | यदि , मैं पक्षी होती , मैं आसमान में ऊँचाइयों तक घूमती | सारी चिन्ताओं को भूल कर मैं आसमान में घूमती |
अपनी आजादी का लुफ्त लेती | मैं आपने आप को बहुत भाग्यशाली मानती कि कोरोना काल में आजादी से घूम रही हूँ | मैं बहुत खुश होती | आजादी में घूमना सब को पसंद होता है |
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