कविता का उद्देश्य हमारे हृदय पर प्रभाव डालना होता है,जिससे हमारे भीतर प्रेम, आनंद, हास्य, करुणा, आश्चर्य इत्यादि अनेक भागों में से किसी का संचार हो।जिस पद्य में इस प्रकार प्रभाव डालने की शक्ति न हो, उसे कविता नहीं कह सकते। ऐसा प्रभाव उत्पन्न करने के लिए कविता पहले कुछ रूप और व्यापार हमारे मन में इस ढंग से खड़ा करती है,कि हमें यह प्रतीत होने लगता है कि वह हमारे सामने उपस्थित हैं। जिस मानसिक शक्ति से कभी ऐसी वस्तुओं और व्यापारों को उत्पन्न करता है और हम उसे अपने मन में धारण करते हैं, वह कल्पना कहलाती है। शक्ति के बिना न तो अच्छी कविता ही हो सकती है, न उसका पूरा आनंद ही लिया जा सकता है। सृष्टि में हम देखते हैं कि भिन्न- भिन्न प्रकार की वस्तुओं को देखकर हमारे मन पर भिन्न-भिन्न प्रकार का प्रभाव पड़ता है। किसी सुंदर वस्तु को देखकर हम प्रसन्न हो जाते हैं, किसी अद्भुत वस्तु या व्यापार को देखकर आश्चर्य मग्न हो जाते हैं ,किसी दुख के दारुण दृश्य को देखकर करुणा से आर्द्र हो जाते हैं। यही बात कविता में भी होती है। answer key
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कविता का उद्देश्य हमारे हृदय पर प्रभाव डालना होता है,जिससे हमारे भीतर प्रेम, आनंद, हास्य, करुणा, आश्चर्य इत्यादि अनेक भागों में से किसी का संचार हो। जिस पद्य में इस प्रकार प्रभाव डालने की शक्ति न हो, उसे कविता नहीं कह सकते। ... शक्ति के बिना न तो अच्छी कविता ही हो सकती है, न उसका पूरा आनंद ही लिया जा सकता है
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ह्रौं नीरज अभी क्या कर तू यह बोल जल्दी
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