Hindi, asked by simraneshu3, 7 months ago

कविता खुशबू रचते हैं हाथ का सार

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Answered by ApurwaRani
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प्रस्तुत कविता 'खुशबू रचते हैं हाथ' में कवि ने हमारा ध्यान समाज के उपेक्षित वर्ग की ओर खींचने का प्रयास किया है। ... वे नालियों के बीच, कूड़े-करकट के ढेरों में रहकर अगरबत्ती बनाने का काम अपने हाथों से करते हैं। यहां कवि ने कई प्रकार की हाथों का जिक्र किया है जो की मूलतः बनाने वालों की उम्र को दिखाने के लिए किया गया है।

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