कविता में बंदीजन किसे कहा गया है?
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Answer:
कविता में बंदीजन कोयल को कहा गया है
कवि ने बंदीजन कोयल को कहा है।
Explanation:
यह प्रश्न ‘सेनापति’ द्वारा रचित कविता ‘ऋतु वर्णन’ पाठ से संबंधित है। इस कविता में कवि वसंत ऋतु को सारी ऋतुओं का राजा कहता है।
कोयल को बंदीजन की उपमा देकर कवि वंसत ऋतु के सौंदर्य का वर्णन प्रस्तुत किया है। बंदीजन से तात्पर्य प्रशंसा करने वाले भाट या चारण से होता है।
शीत ऋतु के बाद वसंत ऋतु के आगमन से वसंत के स्वागत में कोयल रूपी बंदीजन अपने मधुर स्वर से उसका गुणगान करने लगते हैं। वसंत ऋतु में कोयल की मधुर ध्वनि चारों ओर गुंजायमान होती है। कवि ने उसी को प्रतीक बनाकर उदाहरण दिया है। भंवरों के गुंजन के रूप में बसंत के राजा के मनोरंजन के लिए गीत गाए जाते हैं। चारों तरफ सुगंधित फूलों की सुगंध से वातावरण मनमोहक होता है। इस तरह कवि ने वसंत ऋतु का गुणगान किया है और कोयल को बंदीजन की उपमा देकर वसंत ऋतु स्वागत में गाने का उदाहरण प्रस्तुत किया है।