Hindi, asked by eshabisht20, 2 months ago

कविता में चांद की पोशाक के बारे में क्या कहा गया है​

Answers

Answered by sachi4432
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Explanation:

प्रश्न 'शमशेर बहादुर सिंह' द्वारा रचित कविता “चाँद से थोड़ी गप्पें” से लिया गया है। 'चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है' का आशय ये है कि आकाश ही चाँद का वस्त्र है, अर्थात चाँद ने आकाश रूपी पोशाक को अपने ऊपर ओढ रखा है।

Answered by abhaysharma10273
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Answer:

ये प्रश्न 'शमशेर बहादुर सिंह' द्वारा रचित कविता “चाँद से थोड़ी गप्पें” से लिया गया है। 'चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है' का आशय ये है कि आकाश ही चाँद का वस्त्र है, अर्थात चाँद ने आकाश रूपी पोशाक को अपने ऊपर ओढ रखा है

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