) कविता में वर्णित मनुष्य किस अवस्था में है?
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Answer:
कविता मनुष्य के हृदय को उन्नत करती है और ऐसे ऐसे उत्कृष्ट और अलौकिक पदार्थों का परिचय कराती है जिनके द्वारा यह लोक देवलोक और मनुष्य देवता हो सकता है। कविता इतनी प्रयोजनीय वस्तु है कि संसार की सभ्य और असभ्य सभी जातियों में पाई जाती है। चाहे इतिहास न हो, विज्ञान न हो, दर्शन न हो, पर कविता अवश्य होगी
Answer:
इस कविता के कवि कौन हैं ?
(2) कविता में वर्णित मनुष्य किस अवस्था में है ?
(3) कवि उसे सचेत करने के लिए क्या करता है ?
(4) पवन, पंछी और सूरज किन-किन के प्रतीक हैं ?
(5) मनुष्य जीवन की दौड़ में क्यों पिछड़ जाता है ?
लिखित
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए @ आदमी सच से बेख़बर
कब होता है?
(2) असमय जागने पर मनुष्य घबरा कर क्यों भागता है ?
(3) कविता का संदेश अपने शब्दों में लिखिए+ (4) भाव स्पष्ट कीजिए
घबराकर भागना अलग है क्षिप्र की गति अलग है क्षिप्र तो वह है
जो सही क्षण में सजग है।