Hindi, asked by GracyVarghese, 6 months ago

कविता "प्रियतम" जिसके कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' है, उसका सारांश तथा भावार्थ लिखे।​

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Answered by bhatiamona
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कविता "प्रियतम" जिसके कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' है, उसका सारांश तथा भावार्थ लिखे।​

भावार्थ : "प्रियतम कविता के लेखक कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' जी है |

इस कविता में कवि ने विष्णु और नारद से सम्बधित एक कथा के माध्यम से यह सिद्ध करने का प्रयत्न किया है कि जीवन में अपने कर्तव्यों तथा उत्तरदायित्वों को निभाने वाला व्यती ही सबसे श्रेष्ठ माना जाता है , तथा वही ईश्वर को सबसे प्रिय होता है | जो व्यक्ति ईश्वर के द्वारा दिए गए उत्तरदायित्वों को निभाते हुए ईश्वर को याद करता है वही सच्ची भक्ति और पूजा होती है |  

एक दिन जब विष्णुजी के पास नादर जी ने पूछा मृत्युलोक  में पूछा आपका सबसे प्रिय तुम्हारा भक्त प्रधान कोन है |  

विष्णु जी ने कहा कि किसान |  

जब नारद जी ने किसान की परीक्षा ली तब , नारद जी बहुत खुश हुए | नारद जी को समझ गया कि किसान अपने हर कार्य को करते मेरा नाम लेता है | वह अपने उत्तरदायित्वों को पूरा करते हु ईरी भक्ति करता है | ईश्वर का सच्चा भक्त वही होता है जो , अच्छे कर्म करता है , अपने काम के साथ ईश्वर को याद करता है |

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