कविता से
(क) एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा-
(ख) लाल होकर आँख भी दुखने लगी
(ग) ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी-
(घ) जब किसी ढब से निकल तिनका गया-
1. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को सामान्य वाया
जैसे-एक तिनका आँख में मेरी पड़ा-मेरी आँखएका
मुंठ देने लोग कपड़े की लगे-लोग कपड़े को
Answers
प्रश्न 1.नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को सामान्य वाक्य में बदलिए।
जैसे-एक तिनका आँख में मेरी पड़ा – मेरी आँख में एक तिनका का पड़ा।
मुँठ देने लोग कपड़े की लगे – लोग कपड़े की मँठ देने लगे।
क) एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा-
एक दिन जब मुंडेरे पर खड़ा था।
(ख) लाल होकर आँख भी दुखने लगी
आँख लाल होकर दुखने लगी।
(ग) ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी-
बेचारी ऐंठ दबे पाँवों भगी।
(घ) जब किसी ढब से निकल तिनका गया-
किसी ने ढब से तिनका निकाला।
यह प्रश्न एक तिनका कविता से लिया गया है | एक तिनका कविता में कवि ने समझाया है कि मनुष्य को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए | जीवन में किसी को भी छोटा नहीं समझना चाहिए | एक तिनका भी हमें ननुकसान पहुंचा सकता है |
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