कवि विद्यापति के पाठीत पदों का भाव सौंदर्य स्पष्ट करें
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विद्यापति की पदावली में भक्ति और शृंगार दोनों है, लेकिन परिमाण के स्तर पर शृंगारिक पद ही ज्यादा है। निराला ने पदावली की मादकता को 'नागिन की लहर' कहा है। इसमें राधा और कृष्ण के प्रेम तथा उनके अपूर्व सौंदर्य चित्रों की भरमार है। पदावली का केन्द्रीय विषय प्रेम और सौंदर्य है।
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विद्यापति की पदावली में भक्ति और शृंगार दोनों है, लेकिन परिमाण के स्तर पर शृंगारिक पद ही ज्यादा है। निराला ने पदावली की मादकता को 'नागिन की लहर' कहा है। इसमें राधा और कृष्ण के प्रेम तथा उनके अपूर्व सौंदर्य चित्रों की भरमार है। पदावली का केन्द्रीय विषय प्रेम और सौंदर्य है
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