Hindi, asked by roushankumar7961, 9 months ago

कविवर बिहारी का साहित्यिक परिचय​

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Answered by bhatiamona
29

कविवर बिहारी का साहित्यिक परिचय​:

महाकवि बिहारीलाल का जन्म जन्म 1603 के लगभग ग्वालियर में हुआ। बिहारी मूलतः श्रृंगारी कवि हैं। उनकी भक्ति-भावना राधा-कृष्ण के प्रति है और वह जहां तहां ही प्रकट हुई है।

बिहारी लाल हिंदी साहित्य के जाने माने कवि थे।बिहारी सतसईश्रृंगार रस की अत्यंत प्रसिद्ध और अनूठी कृति है। इसका एक-एक दोहा हिंदी साहित्य का एक-एक अनमोल रत्न माना जाता है।  वह अपनी दोहो  के माध्यम से गागर में सागर भरने में कुशल थे। यहाँ गागर में सागर से तात्पर्य है कि  वह  एक ही दोहे में पूरी कहानी बनाता चाहते थे |  उनके दोहो का संकलन "बिहारी सतसई" के नाम से विख्यात है।  बिहारी जी ने में साहित्यिक ब्रजभाषा का प्रयोग किया है|

बिहारी लाल वह अपनी दोहो  के माध्यम से गागर में सागर भरने में कुशल थे। यहाँ गागर में सागर से तात्पर्य है कि  वह  एक ही दोहे में पूरी कहानी बनाता चाहते थे |  उनके दोहो का संकलन "बिहारी सतसई" के नाम से विख्यात है।  

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9

महाकवि बिहारीलाल का साहित्यिक परिचय​:

Explanation:

  • बिहारी लाल एक लोकप्रिय हिंदी साहित्यकार थे उनका नाम हिन्दी साहित्य के रीति काल के कवियों में आता है, वह अपनी श्रृंगार रचना के लिए प्रसिद्ध थे, क्योंकि वह भगवान राधा-कृष्ण के प्रेमी थे|
  • सत्श्रृंगार नामक रचना वास्तव में लोकप्रिय और अद्वितीय है , इस रचना के हर दूसरे दोहे को हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में माना जाता है।
  • वह अपनी दोहो के माध्यम से गागर में सागर भरते थे, अर्थात  वह एक ही दोहे में पूरी कहानी का बखान करते है |

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