कवियत्री ने ईश्वर प्राप्ति के अपने प्रयासों की उपमा किससे की है: कच्चे सकोरे से; फलों से; सोने के बर्तन से ;पक्की रस्सी से किससे
Answers
सही जवाब है...
कच्चे सकोरे से
♦ कवियत्री ललद्यद ने ईश्वर प्राप्ति के अपने प्रयासों की उपमा कच्चे सकोरे से की है। ♦
स्पष्टीकरण:
कवि ‘ललद्यद’ ईश्वर प्राप्ति के अपने प्रयासों की तुलना मिट्टी के सकोरे से कर रही हैं। कवियत्री कहती हैं कि ऐसा उनके प्रयास ऐसा प्रतीत हो रहे हैं, जैसे मिट्टी के कच्चे सकोरे में कोई पानी भर कर ले जाने की कोशिश कर रहा है। ऐसी स्थिति में मिट्टी के कच्चे सकोरे से जगह-जगह पानी रिसने लगता है और कटोरा कभी भी पूरा नहीं भर पाता है। इस तरह का प्रयास निरर्थक हो रहा है। कवियत्री को यही लगता है कि ईश्वर भक्ति के जो प्रयास वह कर रही हैं, वह इसी तरह का प्रयास है। इसी कारण वह अपने मन रूपी कटोरे में ईश्वर भक्ति का भाव नहीं भर पा रहीं। कवियत्री को लगता है कि ईश्वर प्राप्ति के लिए जो उपाय वह अपना रही हैं. वह पर्याप्त नहीं हैं. उन्हें सच्चा मार्ग अभी तक नहीं मिल पाया है।
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